Tuesday, 3 December 2019

वैश्वीकरण का अर्थ, तथा वैश्वीकरण के कारण, परिणाम


* वैश्वीकरण का अर्थ :-

                                                     वैश्वीकरण का अर्थ है अंतरराष्ट्रीय एकीकरण विश्व व्यापार का खुलना उन्नत संचार साधनों का विकास वित्तीय बाजारों का अंतरराष्ट्रीय कारण बहु राष्ट्रीय कंपनी का महत्व बढ़ाना जनसंख्या का देशांतर गमन व्यक्तियों,  वस्तुओं,  पूंजी, आंकड़ों,  में विचारों की गतिशीलता का बढ़ना | यह ऐसी प्रक्रिया है जिनमें वित्तीय पूर्ण दुनिया को एकल समाज में एकीकृत किया है हालांकि वैश्वीकरण बहुत चर्चित व विवादित विचारधारा है परंतु इस बात पर आम सहमति है कि वैश्वीकरण के दौरान में लोगों पूंजी माल और विचारों के अंतरराष्ट्रीय प्रवाह में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है | साथ ही इसका सकारात्मक प्रभाव यह पड़ा है कि राजनैतिक शक्ति का अधोगामी संचार हुआ है वैश्वीकरण के युग्मित  बलों का जन्म इस बात की पुष्टि करता है | 

* वैश्वीकरण के कारण ( causes of globalisation ) :-

                                                                                                                                  वैश्वीकरण के लिए कोई ए कारक उत्तरदाई नहीं है फिर भी प्रौद्योगिकी कि अपने आप में महत्वपूर्ण कारण साबित हुई है टेलीग्राफ टेलीफोन और माइक्रोचिप इंटरनेट के नवीन अविष्कारों ने पूरी दुनिया में संचार क्रांति का सूत्रपात किया उन्नत प्रौद्योगिकी के कारण विचार पूंजी वस्तु और लोगों की विश्व के विभिन्न भागों में  आवाजाही बढ़  गई विश्व के एक हिस्से में घटने वाली घटना का प्रभाव पूरी दुनिया पर बढ़ने लगा | 


* वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव :-

                                                                              
                                                                                  वैश्वीकरण का सर्वाधिक प्रभाव राष्ट्रीय राज्यों का पर पड़ा वैश्विक स्तर पर पारिस्थितिक बदलाव एकीकृत अर्थव्यवस्था अन्य प्रभाव कारी प्रवृत्तियों के कारण संपूर्ण विश्व का राजनीतिक पर्यावरण  वैश्वीकरण  के प्रभाव में आ गया राष्ट्रीय राज्य की अवधारणा में परिवर्तन आने लगा विकसित देशों में कल्याणकारी राज्य की धारणा पुरानी पड़ने लगी और उसकी जगह न्यूनतम अहस्तक्षेपकारी राज्य ने ले ली है अब राज्य लोक कल्याणकारी राज्य के साथ आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक तत्व बन गया यह पूरी दुनिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियां स्थापित हो चुकी है इससे सरकारों की स्वायत्ता  प्रभावित हुई है विश्व राजनीति में आज भी राष्ट्रीय राज्य की महत्ता बनी हुई है राज्य पर वैश्वीकरण के कुछ और प्रभाव भी हुए जो राज्य तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी है उनके नागरिकों का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से बड़ा है सूचनाओं के तीव्र आदान-प्रदान से नागरिकों का जीवन से दुआएं वैश्वीकरण का राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव तो है परंतु समाज वैज्ञानिक इसके राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर पड़े प्रभाव की प्रकृति और स्तर को लेकर एकमत नहीं है | 

* वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव :-

                                                                         वैश्वीकरण का सर्वाधिक प्रभाव विश्व अर्थव्यवस्था पर पड़ा है पश्चिमी पूंजीवादी देश एशिया और अफ्रीका में अपने उत्पाद को के लिए बाजार ढूंढने में प्रयत्न रत  है | प्रत्यय देश ने अपना बाजार विदेशी वस्तुओं की बिक्री के लिए खोल दिया है यह संस्थाएं हैं शक्तिशाली पूंजीवादी ताकतों के प्रभाव के क्षेत्र में कार्य कर रही है यद्यपि पिछड़ी अर्थव्यवस्थाओं को भी काफी लाभ हुआ है लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ है चीन भारत और ब्राजील जैसी प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाओं को पिछली अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक लाभ हुआ है पूर्व में विभिन्न देश आयात पर प्रतिबंध लगाते थे परंतु वैश्वीकरण के दौरान में प्रतिबंध शिथिल हो गए अब धनी देश के निवेश करता अपना विनिवेश अन्य देशों में कर सकते हैं भारत ब्राजील जैसे विकासशील देश  विदेशी निवेश के विशेष आकर्षण है | इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़ी सेवाओं जैसे बैंकिंग ऑनलाइन शॉपिंग में व्यापारिक लेन-देन तो बहुत सरल हो गई है लेकिन जितना तेज वस्तुओं और पूंजी का प्रवाह बढ़ा  है वैश्वीकरण का अलग-अलग देशों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ा कुछ देशों की अर्थव्यवस्था तेज गति से प्रगति कर रही है वहीं कुछ देश आर्थिक रूप से पिछड़े गए हैं वैश्वीकरण के दौरे में सामाजिक न्याय की स्थापना अभी भी संकट में है सरकार का संरक्षण जाने के कारण समाज के कमजोर तबकों  को लाभ की बजाय नुकसान उठाना पड़ रहा है | 

* वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव :-

                                                                               वैश्वीकरण ने न केवल राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र को प्रभावित किया है अपितु इसका लोगों के सांस्कृतिक जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ा है इसका विश्व के देशों की स्थानीय संस्कृतियों पर मिश्रित प्रभाव पड़ा है इस प्रक्रिया से विश्व की परंपरागत संस्कृतियों को सबसे अधिक खतरा पहुंचने की आकांक्षा है वैश्वीकरण सांस्कृतिक समरूपता को जन्म देता है जिसका विकसित देश संस्कृतियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है सांस्कृतिक समरूपता के नाम पर पश्चिमी  सांस्कृतिक मूल्यों को अन्य आंचलिक संस्कृतियों पर लादा जा रहा है इसे खान-पान रहन-सहन व जीवनशैली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है वैश्वीकरण का सकारात्मक पक्ष यह भी है कि प्रौघोगिकी  के विकास व प्रवाह से एक नवीन विश्व संस्कृति के उदय की प्रबल संभावनाएं बन गई है | 


  *सांस्कृतिक प्रवाह  बढ़ाने वाले माध्यम:-

  
( 1 ) इंटरनेट व ईमेल से सूचनाओं का आदान-प्रदान | 

( 2 ) इलेक्ट्रॉनिक क्रांति ने सूचनाओं को जनतांत्रिक बना दिया है | 

( 3 ) विचारों एवं धारणाओं का आदान-प्रदान आसान बनाना | 

( 4 ) सूचना तकनीकी इसके विस्तार से डिजिटल क्रांति आई है वही विषम डिजिटल दरार भी उत्पन्न हुई है | 

( 5 ) अविकसित अर्थविकसित वे कुछ विकासशील देशों में सूचना सेवाओं पर राज्य का नियंत्रण है | 

* भारत पर वैश्वीकरण के प्रभाव :-

                                                                  वैश्वीकरण के लिए का भारत में आगाज पिछली शताब्दी के अंत में वह मिश्रित अर्थव्यवस्था में विश्वास करने वाला भारत देश भी इस धारा से जुड़ गया भारत में वैश्वीकरण का सूत्रपात जुलाई 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने किया था वह अमेरिकामुख वैश्वीकरण के लिए कई बार आलोचना के केंद्र रहे  1991 में नई आर्थिक नीति अपनाकर भारत वैश्वीकरण एवं उदारीकरण की प्रक्रिया से जुड़ गया 1992-93 से रुपए को पूर्ण परिवर्तनीय बनाया गया | 

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