*उदारवाद का अर्थ :-
उदारवाद अंग्रेजी के लिब्रेलिजम्म शब्द का हिंदी रूपांतरण है | इसकी व्युत्पत्ति लेटिन भाषा के लिबर शब्द से हुई है जिसका अर्थ है स्वतंत्र | यह ऐसी विचारधारा का नाम है जिसका स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र विकास के प्रथम चरण से लेकर वर्तमान तक बदलता रहा है | कभी यह पूंजी पतियों के पक्ष में प्रत्यक्ष रूप से सामने आता था तो बाद में यह दबी जुबान में पूंजीपतियों के हित की बात भी करता बाद में माकर्सवाद के डर से पूंजीपतियों को बचाने के लिए यह गरीबों के हितों की बात करने लगा उदारवाद लोक कल्याण की अवधारणा का प्रबल समर्थक बन गया | 1990 के दशक में जब सोवियत संघ की साम्यवादी व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद वे पुणे अपने परंपरागत स्वरूप की तरफ बढ़ चला है पुणे जागरण तथा धर्म सुधार आंदोलनों ने इसे जन्म दिया औद्योगिकीकरण ने इस आधार प्रदान किया बढ़ते पूंजीवाद ने इस स्वतंत्रता के निकट ला खड़ा किया | व्यक्ति के प्रति इस विचारधारा की आस्था ने राज्य को सीमित रूप दिया सामान्यतया उदारवाद एक विचारधारा से अधिक है यह सोचने का एक तरीका यह संसार को देखने की एक दृष्टि है तथा राजनीति को उदारवाद की ओर बनाए रखने का यह प्रयास है |
* उदारवाद की प्रकृति ( nature of liberalism ) :-
उदारवाद के प्रकृति उसके उदय व विकास के चरणों से जुड़ी हुई है | 1688 की गौरवपूर्ण अंग्रेजी क्रांति के शासकों के देवी सिद्धांतों का तिरस्कार कर राज्य को एक मानवीय संस्था बताने का प्रयत्न किया था उदारवाद व्यक्ति से जुड़ी विचारधारा है 1789 की फ्रांसीसी क्रांति ने पश्चिमी समाज को स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के विचार देकर मध्ययुगीन निरंकुश शासन को त्याग दिया था | उदारवाद स्वतंत्रता से जुड़ी विचारधारा है अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम तथा बाद के अमेरिकी संविधान में व्यक्ति के अधिकारों की आवाज उठाई थी | उदारवाद व्यक्तियों के अधिकारों से जुड़ी विचारधाराहै | उदारवाद निरंकुश के विरुद्ध संविधानवाद पर बल देता है | उदारवाद सीमित कार्यों को करने वाले सीमित शक्तियों वाले राज्य की बात करता है जॉन लॉक की धारणा थी कि राजनीतिक कार्य सीमित होते हैं अत : राजनीतिक शक्ति भी सीमित होनी चाहिए |
* उदारवाद का उदय एवं विकास ( origin evolution of liberalism ) :-
लॉक, बेंथम व एडम की रचनाओं में उदारवाद की झलक मिलती है तब इसका रूप नकारात्मक था और इस व्यक्तिवाद शास्त्रीय उदारवाद के रूप मैं जाना जाता था | 19 वीं शताब्दी में जॉन स्टुअर्ट मिल ने इसे सकारात्मक रूप प्रदान किया तब राज्य को आवश्यक बुराई समझने की बजाय एक सकारात्मक अच्छाई समझा जाने लगा तथा अनियंत्रित वैयकितक स्वतंत्रता की व्यवस्था के लिए खतरा समझते हुए व्यक्ति की गतिविधियों पर उचित प्रतिबंध लगाए जाने लगे | उदारवाद व्यक्ति प्रेमी विचारधारा ए जो व्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकारों पर बल देती है यह राज्य को साधन और व्यक्ति को साध्य मानता है यह रूढ़िवादिता व परंपरा बाद के स्थान पर सभी क्षेत्रों में सुधारों में उदारीकरण का पक्ष लेता है संविधानवाद विधि का शासन विकेंद्रीकरण, स्वतंत्र चुनाव में न्याय व्यवस्था लोकतांत्रिक प्रणाली अधिकारों स्वतंत्रताओ व न्याय की व्यवस्था आदि उदारवादी विचारधारा के कुछ अन्य लक्षण है |
* उदारवाद के दो रूप ( forms of liberalism ) :-
( 1 ) परंपरागत या शास्त्रीय उदारवाद |
( 2 ) आधुनिक उदारवाद |
( 1 ) परंपरागत या शास्त्रीय उदारवाद ( traditional or classical liberalism ) :-
परंपरागत उदारवादी सिद्धांत धर्म को व्यक्ति का आंतरिक और निजी मामला मानता है यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बल देता है सीमित राज्य के अस्तित्व को स्वीकार कर उसका समर्थन करता है सामाजिक प्रतिमान में एकता की बात करता है कालांतर में उधारवाद एक क्रांतिकारी विचारधारा ने होकर यह वर्ग विशेष की विचारधारा बन जाती है यह रूप निजी संपत्ति का समर्थन करता है इसके कारण मानवीय जीवन में समानता का आगमन शुरू हो जाता है उदारवाद अब पूंजीवाद का पर्याप्त बन जाता है इसी उदारवाद समर्थित पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध में वैज्ञानिक माकर्स वादी क्रांति की शुरुआत होती है मानवीय जीवन में समानता को मिटाकर समानता लाने के लिए संघर्ष की बात मार्शल करता है जिसके फलस्वरूप उदारवाद अपना स्वरूप बदल देता है |
( 2 ) आधुनिक उदारवाद :-
यह सिद्धांत लोक कल्याणकारी राज्य का समर्थन करता है निजी संपत्ति पर अंकुश लगाने व पूंजी पतियों पर कर की वकालत की जाती है |
* नकारात्मक उदारवाद की विशेषताएं ( characteristics of negative liberalism ) :-
( 1 ) व्यक्तिवाद पर अत्यधिक बल |
( 2 ) मानव को मध्य यूके की धार्मिक तथा सांस्कृतिक जंजीरों से मुक्ति पर बल |
( 3 ) मानव व्यक्तित्व के असीम मूल्य तथा व्यक्तियों की आध्यात्मिक समानता में विश्वास |
( 4 ) व्यक्ति की स्वतंत्र इच्छा में विश्वास |
( 5 ) मानव की विवेक शीलता और अच्छाई मानव की मानवता के लिए कुछ प्राकृतिक अदेय अधिकारों जीवन स्वतंत्रता तथा संपत्ति में विश्वास पर बल |
* उदारवाद व लॉक का दर्शन :-
( 1 ) राज्य की उत्पत्ति व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए सामाजिक समझौते के द्वारा हुई |
( 2 ) राज्य एवं व्यक्ति दोनों के संबंध आपसी समझौते पर आधारित हैं जब कभी भी राज्य समझौते की आवश्यक शर्तों को करेगा तो व्यक्ति को राज्य के विरुद्ध विद्रोह करना व्यक्ति का अधिकार नहीं बल्कि उत्तरदायित्व हैं |
( 3 ) कानूनों का आधार विवेक है ने की आदेश |
( 4 ) वही सरकार सर्वश्रेष्ठ है जो कम से कम शासन करें |
( 5 ) राज्य एक आवश्यक बुराई है |
( 6 ) मानव को राजनीतिक आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, बौद्धिक सभी क्षेत्रों में स्वतंत्रता प्राप्त हो |
सामाजिक आधार पर उदारवाद समाज को एक कृत्रिम संस्था मानता है जिसका उद्देश्य व्यक्ति के हितों को पूरा करना था समाज का उद्देश्य व्यक्तिगत स्वार्थ की सिद्धि था व्यक्ति के हित के द्वारा समाज के हित को संभव बनाया गया आर्थिक क्षेत्र में उदारवाद मुक्त व्यापार तथा समझौते पर आधारित पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की बात करता है इसे नकारात्मक उदारवाद इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यह स्वरूप राज्य में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार के हस्तक्षेप तथा नियंत्रण पर प्रतिबंध लगाता है |
* नकारात्मक उदारवाद की आलोचना :-
( 1 ) सामाजिक क्षेत्र में उदारवाद का अत्यधिक खुलापन नैतिकता के विरुद्ध है |
( 2 ) सीमित राज्य जनकल्याण विरोधी अवधारणा है |
( 3 ) उदारवाद का आर्थिक समाज बाजारु समाज है जो केवल बुर्जुआ वर्गों के हितों का ध्यान रखता है सामान्य व्यक्ति के हितों की अनदेखी करता है |
* आधुनिक व समसामयिक उदारवाद :-
( 1 ) यह कल्याणकारी राज्य की स्थापना पर बल देता है |
( 2 ) सभी व्यक्तियों को समान अवसर में अधिकार प्रदान करने पर बल |
( 3 ) व्यक्तियों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर बल देना |
( 4 ) जनता का विकास तथा वैज्ञानिक प्रगति की धारणा में विश्वास |
( 5 ) राज्य सामाजिक हित की पूर्ति का सकारात्मक साधन |
( 6 ) लोकतांत्रिक समाज की राजनीतिक संस्कृति पर बल देता है |
( 7 ) उदारवाद का यह स्वरूप क्रांतिकारी तरीकों के विपरीत सुधारवादी शांतिपूर्ण और कर्मठ सामाजिक परिवर्तन में विश्वास रखता है |
( 8 ) यह सामूहिक हित की बात करता है |
( 9 )यह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को लचीला बनाने वे नियंत्रित अर्थव्यवस्था के उद्देश्यों पर बल देता है |
( 10 ) लोकतंत्र की समस्याओं पर नए ढंग से विचार करने पर बल देता है |
Nice 😍
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