Thursday, 5 December 2019

जनसंख्या : वितरण, घनत्व, एवं वृद्धि तथा जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक


* जनसंख्या का वितरण और घनत्व :-

                                                                                     जनसंख्या वितरण एवं घनत्व को सामान्य थे एक ही अर्थ में समझा जाता है | जबकि दोनों ही भिन्न संकल्पनाएं हैं | जनसंख्या के वितरण में स्थानिक के वितरण पर अधिक बल दिया जाता है अर्थात पृथ्वी पर जनसंख्या के स्थितिगम पक्ष पर बल दिया जाता है जिससे क्षेत्रीय प्रतिरूप को स्पष्ट किया जाता है दूसरी ओर जनसंख्या घनत्व में जनसंख्या आकार एवं क्षेत्र के अनुपातिक संबंधों पर बल दिया जाता है | जनसंख्या वितरण से आश्य जनसमूह के स्थानिक वितरण से है इस पक्ष में मनुष्य के धरातल पर स्थिति जन्य प्रारूप का बोध होता है | जनसंख्या घनत्व का तात्पर्य जनसंख्या एवं धरातल के एक अनुपात से है यह जनसंख्या जमाव की मात्रा का मापन है जिससे प्रति इकाई क्षेत्र व्यक्तियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है | 

* विश्व में जनसंख्या के असमान वितरण का प्रतिरूप:-

                                                                                                                         ( 1 ) पृथ्वी की दो-तिहाई जनसंख्या उसके लगभग 14 प्रतिशत भाग पर निवास करती है एक अन्य अनुमान के अनुसार विश्व की लगभग 57 प्रतिशत  जनसंख्या इसके स्थलीय क्षेत्र के 5प्रतिशत भाग पर निवास करती है | 

( 2 ) विश्व का दो तिहाई भाग निर्जन प्राय : हैं 90 प्रतिशत भूभाग पर मात्र 10 प्रतिशत जनसंख्या रहती है 10 प्रतिशत स्थलीय भाग पर कुल जनसंख्या का 90 प्रतिशत संकेंद्रित हैं | 

( 3 ) विश्व की 85प्रतिशत  जनसंख्या उत्तरी गोलार्द  में तथा 15% जनसंख्या दक्षिणी गोलार्द में पाई जाती है | 

( 4 ) विश्व की लगभग तीन चौथाई जनसंख्या एशिया एवं यूरोप महाद्वीप में रहती है केवल एशिया महाद्वीप में ही विश्व की 60% से अधिक जनसंख्या निवास करती है | 

( 5 ) विश्व की जनसंख्या का लगभग 75% भाग महाद्वीपों के किनारों की और बस आए महाद्वीपों के आंतरिक भागों की ओर जनसंख्या का संकेंद्रण घटता जाता है | 

* जनसंख्या घनत्व ( population density ) :-

                                                                                                              किसी प्रदेश  में निवास करने वाले मनुष्यों की संख्या और प्रदेश के क्षेत्रफल के पारंपरिक अनुपात से जनसंख्या का घनत्व मालूम होता है यह घनत्व इस पर देश की उन्नति और भावी विकास के अनुमान लगाने में मुख्य आधार होता है प्रत्येक प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों जैसे कि क्षेत्रफल मिट्टियां खनिज पदार्थ जलीय संसाधन वन संपदा आदि की मात्रा सीमित होती है उन संसाधनों को कितने मनुष्य प्रयोग करते हैं अर्थात कितनी जनसंख्या अपने जीवन निर्वाह के लिए उन संसाधनों पर आधारित है यह तथ्य उस जनसंख्या के रहन-सहन के स्तर को तथा उसके आर्थिक और सांस्कृतिक विकास की सीमा को निर्धारित करता है इसलिए प्रत्येक देश की आर्थिक उन्नति तथा सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति की योजना बनाने के लिए उस प्रदेश की जनसंख्या की सघनता की भावना बहुत जरूरी है | 

* जनसंख्या घनत्व के प्रकार :-

                                                                       जनसंख्या के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए घनत्व को मुख्य आधार माना जाता है जनसंख्या घनत्व भी कई प्रकार के हो सकते हैं प्रत्येक पहलू अपनी तरह से जनसंख्या के विश्लेषण में सहयोगी होते हैं | 

( 1 ) गणितीय घनत्व :-

                                                    जिसमें मानव स्थल अनुपात का विचार किया जाता है इसे निम्न सूत्र से ज्ञात किया जाता है |     जनसंख्या ÷ कुल क्षेत्रफल | 

( 2 ) आर्थिक घनत्व :-

                                                   जिसमें उस पर देश के संसाधनों की उत्पादन क्षमता और उस प्रदेश में निवास करने वाले मनुष्यों की संख्या का विचार किया जाता है इसे ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है |      जनसंख्या ÷ संसाधन | 

( 3 ) कार्यिक घनत्व :-

                                              कार्यिक घनत्व या कृषि क्षेत्रीय घनत्व जिसमें उस प्रदेश की खेती की जाने वाली भूमि और निवास करने वाले मनुष्यों की समस्त जनसंख्या का विचार किया जाता है |             जनसंख्या ÷ कृषि भूमि क्षेत्र | 

( 4 ) कृषि घनत्व :-

                                              जिसमें कृषि की जाने वाली भूमि के क्षेत्रफल और उन में निवास करने वाली कृषक जनता का विचार किया जाता है यह बात ध्यान देने किए कि इसमें प्रदेश के समस्त जनसंख्या का नहीं वरन केवल कृषि में लगी हुई जनसंख्या का उपयोग किया जाता है |     कृषक जनसंख्या ÷ कृषि भूमि क्षेत्रफल | 

( 5 ) पोषण घनत्व :-

                                              जिसमें खेती की भोजय  फसलों के क्षेत्रफल का और उस प्रदेश के समस्त जनसंख्या का विचार किया जाता है|         जनसंख्या ÷ भोज्य फसलों का क्षेत्रफल | 


* विश्व में जनसंख्या के घनत्व का वितरण :-

                                                                                                        विश्व में जनसंख्या के घनत्व का वितरण भी जनसंख्या के वितरण के अनुरूप ही यह सम्मान एवं उत्तम प्रकृति का एक विषय में जिन स्थानों पर अधिक जनसंख्या का बसावे वहां जनघनत्व स्वाभाविक रूप से अधिक पाया जाता है विश्व स्तर पर जनसंख्या घनत्व में भारी विषमता  पाई जाती है | 

( 1 ) अत्यधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र | 

( 2 ) अधिक जनघनत्व वाले क्षेत्र | 

( 3 ) सामान्य जन घनत्व वाले क्षेत्र | 

( 4 ) कम जनघनत्व वाले क्षेत्र | 

( 5 ) प्राय: जनविहीन क्षेत्र | 

* जनसंख्या वृद्धि :-

                                                इसी भौगोलिक क्षेत्र की जनसंख्या के आकार में एक निश्चित समय में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि का जाता है वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यतः जनसंख्या वृद्धि दृष्टिगत होती है जिसके कारण जनसंख्या परिवर्तन है जनसंख्या वृद्धि का पर्याय  माना जाने लगा है | जनसंख्या वृद्धि को कुल संख्या अथवा प्रतिशत दोनों के द्वारा व्यक्त  किया जा सकता है | 

* जनसंख्या वृद्धि के कारण :-

                                                                 ( 1 ) मतदान में गिरावट विषय में जनसंख्या वृद्धि का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारण मृत्यु दर पर नियंत्रण है विगत 50 वर्षों में वैज्ञानिक उपलब्धियों तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के कारण रोगों तथा महामारियो पर सफलतापूर्वक नियंत्रण से मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है | 

( 2 ) खाद्य पदार्थों की निश्चित आपूर्ति विषय में खाद्यान्नों तथा अन्य खाद्य पदार्थों की निश्चित एवं नियमित आपूर्ति से जनसंख्या की वृद्धि दर प्रभावित हुई है | 

( 3 ) औद्योगिक विकास :औद्योगिक क्रांति के कारण खनन उर्जा उत्पादन उद्योग परिवहन  व्यापार  तकनीकी आदि सभी क्षेत्रों का बहुमुखी विकास हुआ है | 

( 4 ) शांति और सुरक्षा : शांति और सुरक्षा की स्थापना से विषय में सामान्य प्रगति का विस्तार हुआ तथा जनसंख्या में वृद्धि होती रही है | 

( 5 ) प्रवास : मृत्यु दर की तुलना में उच्च जन्म दर के कारण जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी तथा यूरोपीय निवासियों ने बड़े पैमाने पर उतरी अमेरिका दक्षिण अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया की ओर प्रवास आरंभ किया | 

* जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक :-

                                                                                                                     विश्व में जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को समझने के पश्चात यह ध्यान में आता है कि कुछ ऐसे कारक है जो मानव के बसाव  को नियंत्रित करते हैं जनसंख्या की उपलब्धता और उसके जमाव को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों का विवरण इस प्रकार है | 

( 1 ) भौतिक कारक :-

                                          ( 1 ) स्थिति :-

                                                                                                  जनसंख्या वितरण पर विश्व के विभिन्न क्षेत्र की स्थिति का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है विश्व की अधिकांश जनसंख्या शीतोष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में निवास करती है लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं | 

( 2 ) जल की उपलब्धता :-

                                                         लोग उन क्षेत्रों में बसना चाहते हैं जहां जल आसानी से उपलब्ध होता है यही कारण है कि विश्व की महान नदी घाटियों विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं | 

( 3 ) जलवायु :-

                                       अति उष्ण  अथवा ठंडे मरुस्थल ओं की विषम जलवायु मानव बताओ के लिए यह सुविधाजनक होती है अधिक वर्षा अथवा विषम जलवायु क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है | 

( 2 ): आर्थिक कारक :-

                                                        ( 1 ) खनिज | 
                                                        ( 2 ) नगरीकरण | 
                                                        ( 3 ) औद्योगिकरण| 
                                                        ( 4 ) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक | 
                                                          

                                

   


                

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