*स्वतंत्रता का अर्थ :-
जिस शब्द या आंदोलन के इर्द-गिर्द मानव सभ्यता व्याकुल है आखिर वह है क्या? केवल बंधनों का अभाव ही स्वतंत्रता है तो मनुष्य पर इस पर संघर्षों से ही नष्ट हो जाएगा प्रबल या सक्षम ही स्वतंत्र होंगे | स्वतंत्रता व्यक्ति की अपनी इच्छा अनुसार कार्य करने की शक्ति का नाम है इस दौरान दूसरे व्यक्तियों की इसी प्रकार की स्वतंत्रता मैं कोई बाधा नहीं पहुंचे इस प्रकार की स्वतंत्रता के दो विचार हुए -एक बंधनों का अभाव दूसरा उपयुक्त बंधनों का होना |
* स्वतंत्रता का नकारात्मक अर्थ :-
यह वह स्थिति है जिसमें कोई बंधन नहीं होता है | व्यक्ति को मनमानी करने की छूट हो समझौता वादी विचारक होम्स के अनुसार `स्वतंत्रता का अभिप्राय निरोध व नियंत्रण का सर्वथा अभाव है रूसो भी इसी अवधारणा से प्रभावित था | व्यक्तिवादी विचारक भी स्वतंत्रता इसी स्वरूप का समर्थन करते हैं |
( 1 ) प्रतिबंधों का अभाव ही स्वतंत्रता है |
( 2 ) राज्य का कार्यक्षेत्र बढ़ने से व्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित होती है |
( 3 ) कम से कम शासन करने वाली सरकार अच्छी सरकार है |
( 4 ) मानव विकास के लिए खुली प्रतियोगिता का सिद्धांत हितकर है |
* स्वतंत्रता का सकारात्मक अर्थ:-
मनुष्य अपने लिए उन परिस्थितियों का निर्माण करें जो उसके विकास के साथ-साथ साथी नागरिकों के लिए भी ऐसी परिस्थितियां गढ़ सकें | स्पेंसर के अनुसार - प्रत्येक व्यक्ति वे सब कुछ करने को स्वतंत्र है जिसकी वे इच्छा करता है यदि वे इस दौरान अन्य व्यक्ति की सम्मान स्वतंत्रता का हनन नहीं करता हो |
( 1 ) समाज एवं व्यक्ति के हित परस्पर निर्भर है |
( 2 ) स्वतंत्रता का सही स्वरूप राज्य के कानून पालन में है |
( 3 ) राजनैतिक एवं नागरिक स्वतंत्रता का मूल्य आर्थिक स्वतंत्रता के बिना निरर्थक है |
* स्वतंत्रता के विविध रूप :-
( 1 ) प्राकृतिक स्वतंत्रता ( natural liberty ) :-
मनुष्य को स्वतंत्रता का यह रूप मनुष्य या किसी मानवीय संस्था से प्राप्त नहीं होता है बल्कि यह प्रकृति प्रदत हैं यह प्रकृति द्वारा मनुष्य के जन्म के साथ ही उसके व्यक्तित्व में निहित है व्यक्ति स्वयं भी इसका हस्तांतरण नहीं कर सकता है यह स्वतंत्रता राज्य के अस्तित्व में आने से पूर्व की अवस्था है इनका मानना है कि राज्य की स्थापना के साथ ही यह स्वतंत्रता धीरे-धीरे विलुप्त हो जाती है रूसो ने इसलिए तो कहा है - मनुष्य स्वतंत्र जन्म लेता है किंतु वह सर्वत्र बंधनों में जकड़ा रहता है समझौता वादी विचारक इस स्वतंत्रता के समर्थक थे |
( 2 ) निजी /व्यक्तिगत स्वतंत्रता ( personal liberty ) :-
मनुष्य को अपने निजी जीवन के कार्यों में स्वतंत्रता होनी चाहिए उसके व्यक्तिगत कार्यों पर केवल समाज हित में ही बंधन लगाए जा सकते हैं लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों की निजी स्वतंत्रता का बहुत महत्व स्वतंत्रता के रूप हैं उन्हें अपनी पसंद विचार अभिव्यक्ति और मूल्यों के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता होती है वेशभूषा खान-पान रहन -सहन परिवार धर्म आदि क्षेत्रों में क्षेत्रों में व्यक्ति को पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए |
( 3 ) नागरिक स्वतंत्रता ( civil liberty ) :-
यह नागरिक होने के कारण मनुष्य को उस देश में मिलने वाली वे स्वतंत्रताए जिन्हें समाज स्वीकार करता है और राज्य मान्यता प्रदान कर सिलेक्शन प्रदान करता है हमारे देश में यह स्वतंत्रता मूल अधिकारों के रूप में संविधान में समाहित की गई है |
( 4 ) राजनीतिक स्वतंत्रता ( political liberty ) :-
राज्य के कार्यों में राजनैतिक व्यवस्था में हिस्सेदारी का नाम राजनीतिक स्वतंत्रता है यह वह स्वतंत्रता है जिसमें भारतीय नागरिक को मतदान करने चुनाव में हिस्सा लेने एवं सार्वजनिक पदों पर नियुक्ति पाने का अधिकार हो |
( 5 ) आर्थिक स्वतंत्रता ( economic liberty ) :-
आर्थिक स्वतंत्रता से अभिप्राय है कि व्यक्ति का आर्थिक स्तर ऐसा होना चाहिए जिसमें वह स्वाभिमान के साथ बिना वित्तीय चुनौतियों का सामना किए स्वयं व परिवार का जीवन निर्वाह कर सकें यह आर्थिक सुरक्षा भी है इसमें आर्थिक आधार पर विषमताओं को कम करने के प्रयास भी शामिल है जिसमें शोषण का दायरा न्यूनतम हो व्यक्ति आर्थिक गुलामी की अवस्था में नहीं हो सभी को आर्थिक उन्नति के समान अवसर प्राप्त हो
( 6 ) धार्मिक स्वतंत्रता ( religious liberty ) :-
इसका संबंध अंतः करण से यह व्यक्ति को किसी भी धर्म को मानने आस्था वे आचरण की छूट देता है इस स्वतंत्रता मे धार में के संस्कार रीति रिवाज पूजा के तरीके संस्थाओं के गठन धर्म के प्रचार की आजादी है |
( 7 ) नैतिक स्वतंत्रता ( moral liberty ) :-
इसका सामान्य व्यक्ति के चरित्र नैतिकता एवं औचित्य पूर्ण व्यवहार से अधिकरण एवं नैतिक गुणों से प्रभावित होकर जो व्यक्ति कार्य करता है तो वह नैतिक स्वतंत्रता है सवार्थ लोग क्रोध घृणा जेसी चारित्रिक दुर्बललताओं के वंशीभूत होकर कार्य करने वाला व्यक्ति नैतिक परतंत्रता की श्रेणी में आता है |
* स्वतंत्रता के लिए आवश्यक शर्तें :-
( 1 ) व्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति निरंतर जागरूकता |
( 2 ) समाज में लोकतांत्रिक भावनाओं का पनपना |
( 3 ) साथी नागरिकों को विशेषाधिकार नहीं होना |
( 4 ) आर्थिक दृष्टि से समतामूलक समाज |
( 5 ) समाज में शांति व सुरक्षा का वातावरण |
( 6 ) संविधानवाद |
( 7 ) स्वतंत्र - न्यायपालिका |
( 8 ) निष्पक्ष जनमत |
* स्वतंत्रता के मार्ग की प्रमुख बाधाएं :-
( 1 ) गरीबी तथा संसाधनों का अभाव |
( 2 ) न्यायपालिका के कार्यों में कार्यपालिका का हस्तक्षेप |
( 3 )राष्ट्र विरोधी तत्व अथवा आतंकवाद |
( 4 ) अराजकता का वातावरण |
( 5 ) अशिक्षा |
( 6 ) कार्यपालिका का स्वेच्छाचारी आचरण |
( 7 ) अपनी स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता का अभाव |
( 8 ) सविधान वे कानूनों के प्रति सम्मान का अभाव |
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