Thursday, 14 November 2019

अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का अर्थ एवं प्रकार तथा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी विकास एवं उनका मूल्यांकन


* अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का अर्थ :-

                                                                             अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के अर्थ को स्पष्ट करने से पूर्व उससे पहले हम उन अंतरराष्ट्रीय संदर्भ को समझना होगा जिन्होंने तत्व संबंधी अंतर्राष्ट्रीय आचरण को प्रभावित किया है अंतरराष्ट्रीय संबंधों में द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात परिवर्तनों का क्रम जारी रहा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जो राज्यों की नई सीमाएं बनी और उनमें जो परिवर्तन घटित हुए उनके प्रति व्यापक नाराजगी थी इनमें से कुछ परिवर्तन एशिया अफ्रीका और लैटिन अमेरिका देशों के अनुरूप नहीं थे इसी के साथ-साथ रंगभेद साम्राज्यवाद और देशों के बीच विभिन्न प्रकार की असमानताओं की स्थितियों अंतरराष्ट्रीय संबंधों में निरंतर बनी हुई इन स्थितियों के प्रति विरोध की मुखरता 1970 के लगभग अधिक परख हुई और अंतरराष्ट्रीय अहिंसा का प्रदर्शन सहसा उग्र हो गया अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को परिभाषित करने का विभिन्न विद्वानों ने प्रयास किया है | 

ब्रेन एम. जेनकिन्स के आतंकवाद को परिभाषित करते हुए:- 

 यह हिंसा के प्रयोग की धमकी है व्यक्ति को हिंसात्मक कार्य है अथवा यह हिंसा का प्रचार है जिसका उद्देश्य भय  के प्रयोग से आतंकित करना है | आतंकवाद को सही संदर्भ में समझने के लिए यह देखना होगा कि इस शब्द का प्रयोग कौन कर रहा है इसके बढ़ते हुए प्रयोग से यह स्पष्ट है कि यह शब्द मात्र विरोधी द्वारा हिंसा के प्रयोग को ही स्पष्ट करता है | 

( 1 ) आतंकवाद में हिंसा के संदर्भ व्यापक रूप से विद्यमान रहते हैं | 

( 2 ) आतंकवाद को फैलाने उसके प्रयोग और प्रचार को मुख्य उद्देश्य माना गया है | 

( 3 ) आतंकवाद शब्द का प्रयोग कौन कर रहा है इस पर विशेष आग्रह किया गया है क्योंकि सामान्य रूप से विरोधी द्वारा हिंसा के प्रयोग  को आतंकवाद के रूप में लिया जाता है | 

जी.  श्वर्जनबगेर ने आतंकवाद को परिभाषित किया :- 

               एक आतंकवादी की परिभाषा उसके तत्कालीन उद्देश्य से की जा सकती है वह शक्ति का प्रयोग भी भय को उत्पन्न करने के लिए करता है और इसके द्वारा वह उस उद्देश्य को प्राप्त कर लेता है जो उसके मस्तिक में है | आतंकवाद के मुख्य उद्देश्य के रूप में भय  को उत्पन्न करना स्वीकार किया है | 

 बसोनी ने आतंकवाद को परिभाषित किया:-

     उनके अनुसार आतंकवादी परिभाषा से ही यह सिद्धांत के साथ जुड़ा हुआ अपराधी बताएं जो अपने हर कार्य के कानूनी स्वरूप को अस्वीकार करता है तथा अपनी जेल की सजा या मृत्यु दंड को अपने उद्देश्यों के लिए छोटा सा त्याग मानता है | 

* अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के प्रकार:-

 आतंकवाद के अर्थ को स्पष्ट करने के बाद जिस प्रश्न पर चर्चा की जा सकती है वह है आतंकवाद के प्रकारों की आतंकवाद को मुख्यतः तीन भागों में बांटा जा सकता है | 

( 1 ) व्यक्तिगत आतंकवाद | 

( 2 ) अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद | 

( 3 ) राज्य का आतंकवाद | 

( 1 ) व्यक्तिगत आतंकवाद:-

                                                            सबसे पहले यहां व्यक्ति का आतंकवाद की चर्चा की जाएगी इसमें आतंकवादी व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप से किसी वर्ग पर या किसी व्यक्ति विशेष पर आक्रमण करते हैं जिसका उद्देश्य स्थापित शासन पर आक्रमण करना किसी राज्य विशेष के विरुद्ध कार्यवाही करना या किसी राज्य के विचार पर ही आक्रमक रुख होता है व्यक्तिगत आतंकवाद के शिकार मुख्त:  व्यक्ति होते हैं किंतु कई अवसरों पर प्रति आत्मक संस्था जैसे दूतावास अनु संस्थान वायुयान आदि आक्रमण के केंद्र रहते हैं किंतु अंतिम उद्देश्य तो राज्य ही होता है इसलिए इसे व्यक्तिगत आतंकवाद कहा जाता है | 

( 2 ) अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद :-

                                                                     अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद व्यापक विचार-विमर्श और चिंता का विषय रहा है क्योंकि इसके परिणाम सबसे अधिक गंभीर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद हिंसा या भय का वह कार्य है जिसका क्षेत्राधिकार अंतरराष्ट्रीय होता है यथा  जिसे करने वाला एक राज्य का हो और जिसके विरुद्ध किया गया हो वह दूसरे राज्य का या ऐसी हिंसा की कोई घटना हो के जो दोनों ही में क्षेत्राधिकार से बाहर की हो | 
( 1 ) अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हिंसा या भय का कार्य | 

( 2 ) अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का क्षेत्रधिकार अंतरराष्ट्रीय होता है | 

( 3 ) अपराध करने वाला या जिसके विरुद्ध अपराध किया वे अलग-अलग राज्यों के होते हैं | 

( 4 ) हिंसा या अपराध जहाँ हुआ हो वह क्षेत्र दोनों राज्यों का हो ही नहीं | 

( 3 ) राज्य का आतंकवाद :-

                                                                   राज्य के आतंकवाद की चर्चा आतंकवाद विश्लेषण में आवश्यक है यह हिंसा राज्य के द्वारा की जाने वाली हिंसा है राज्यों के द्वारा यह हिंसा अपने यहां अल्पमत किसी राज्य के नागरिकों या राज्य द्वारा अधिकृत प्रदेश की नागरिक जनसंख्या पर की जाती है राज्य की हिंसा के उद्देश्यों में अपने नागरिकों द्वारा अपने ही नियम की अनुपालना करवाना मुख्य उद्देश्य होता है | 


* अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़े कतिपय प्रमुख प्रश्न :-

                                                                                                                              अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की परिभाषा उसके 70 और प्रभावों को रेखांकित करना एक जटिल राजनीतिक कार्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मूल्यांकन तब और भी अधिक कठिन हो जाता है जबकि अंतरराष्ट्रीय अन्याय के खिलाफ किसी भी प्रकार के संघर्ष को इस वर्गीकरण मे लाकर यह मांग की जाएगी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़े लोगों के साथ विशेष प्रकार का आचरण किया जाना चाहिए यह पिछले दिनों यह मांग भी जोर पकड़ती जा रही है कि हिंसा का प्रयोग करने वाले व्यक्ति के साथ चाहे वह  अंतरराष्ट्रीय अन्याय के खिलाफ ही क्यों ने लड़ रहा  हो सामान्य अपराधी के रूप में ही आचरण होना चाहिए | 

( 1 ) समुंद्री मार्गों पर डकैती | 

( 2 ) नशीले पदार्थों का गैरकानूनी यातायात | 

( 3 ) आणविक शक्ति का गैरकानूनी उपयोग | 

( 4 ) मुद्रा का गैरकानूनी हस्तातंरण | 

( 5 ) दास का व्यापार    | 

( 6 ) अश्लील साहित्य का वितरण | 


* अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नियमों का विकास और उनका मूल्यांकन :-

 अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के शिकार कौन रहे हैं यह बहुत स्पष्ट होना चाहिए यह शिकार थे विमान और राजनयिक दोनों पर आक्रमण करते समय में यह स्पष्ट था कि इनके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समस्याओं के रेखाचित्र करने का अवसर प्राप्त होगा किंतु इन पर लगातार आक्रमण ने यह आवश्यकता स्पष्ट कर दी कि इनकी सुरक्षा के प्रश्न  को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़े नियमों के विकास में एक बात बहुत साफ होनी चाहिए कि यह समस्या बिल्कुल नहीं थी अतः कोई परंपरा या लंबा राजाचरण इस प्रश्न पर उपलब्ध नहीं था | 

( 1 ) टोक्यो अभि  समय 1963 | 

( 2 ) हेग अभि समय 1970 | 

( 3 ) मांटियल अभि समय 1971 | 

( 4 ) अंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों के संरक्षण से संबंधित अभि समय 1973 | 

( 5 ) आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा का प्रस्ताव 1985 | 

( 6 ) दक्षस  द्वारा आतंकवाद के खिलाफ अभि समय 1987 | 

  * दक्षिण एशियाई देशों में 7 राष्ट्र :-

 भारत ,पाकिस्तान, बांग्लादेश  श्रीलंका,  नेपाल, भूटान,  और मालदीव,  राष्ट हैं | 

                                                    

                         



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